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आँखों की रोशनी के लिए, कैसे करें अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल, इसके बारे में विशेषज्ञों से जानें

Home   : :  blurry vision • eye care
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Category: blurry vision

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आँखों की रोशनी के लिए, कैसे करें अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल, इसके बारे में विशेषज्ञों से जानें

    September 12, 2025 102 Views

आज के समय में ज्यादातर लोग घंटों तक फोन और लैपटॉप की स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर इसका प्रभाव आंखों पर साफ दिखाई देने लगता है, जैसे कि कभी सिरदर्द होना, तो कभी धुंधला नज़र आना। और साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने या फिर लोगों की बढ़ती उम्र की वजह से आज के समय में ज्यादातर लोगों की आंखों के कमजोर होने या फिर आंखों से जुड़ी कोई न कोई समस्या होने की वजह से वह काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। इस तरह की स्थिति में अपनी आँखों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए हम अक्सर चश्मे या फिर दवाइयों का सहारा लेते हैं। इसके अलावा डॉक्टर इस दौरान बहुत से आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर इन्हीं उपायों में से एक है, अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल करना। इस तरह की स्थिति में आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि आखिर अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए अमरूद के पत्तों को किस तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है? 

अमरूद के पत्ते आंखों के लिए कैसे फायदेमंद है? 

 दरअसल अमरूद के पत्ते सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर डॉक्टर के अनुसार, दरअसल अमरूद के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और साथ ही विटामिन-C जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। आपको बता दें कि इन को अपनी डाइट में शामिल करने की वजह से आँखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है और साथ ही आँखों से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है। आमतौर पर इसके अलावा अमरूद के पत्तों के सेवन से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी काफी ज्यादा मदद मिलती है, जो ब्लड शुगर की वजह से आंखों को होने वाले नुकसान को रोकने में काफी ज्यादा मदद करता है। 

आंखों के लिए अमरूद के पत्तों को किस तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है?

आपको बता दें कि आयुर्वेद में अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल आंखों के लिए काफी ज्यादा लाभकारी माना जाता है। हालांकि इसका सीधा वैज्ञानिक प्रमाण सीमित है। आमतौर पर इसमें विटामिन C, फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो एक व्यक्ति के शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर आंखों को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचा सकते हैं। बता दें की अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल सीधे तौर पर चबाकर भी किया जा सकता है। इसके अलावा आप अमरूद के पत्तों की चाय बनाकर भी पी सकते हैं, इससे शरीर को भीतर से पोषण मिलता है और आंखों की थकान या फिर हल्की सूजन को कम करने में काफी ज्यादा मदद मिल सकती है। दरअसल कुछ लोग अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर अपनी पलकों के आसपास लगाते हैं, पर डॉक्टरों द्वारा इस को आंखों में सीधे ही लगाने की बिल्कुल भी सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसकी वजह से आँखों में जलन या फिर इन्फेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। किसी भी तरह की गंभीर समस्या होने पर आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

कैसे बनाएं अमरूद के पत्तों की चाय?

दरअसल अमरूद के पत्तों की चाय बनाने के लिए सबसे पहले आप कुछ ताजे 4 से 5 अमरूद के पत्तों को अच्छे तरीके से धो लें। आमतौर पर अब 1 या फिर 2 कप पानी में अमरूद के पत्तों को डालकर, इस को 7 से 10 मिनट तक के लिए उबलने के लिए छोड़ दें। वास्तव में अब पानी के आधा रह जाने पर इस को छानकर एक कप में डालें, और फिर इस में नींबू या फिर शहद को मिलाकर इसका सेवन करें। बता दें कि इससे स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। आमतौर पर सुबह या फिर रात को इसका सेवन सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

निष्कर्ष

लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करने, स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने या फिर बढ़ती उम्र की वजह से आज के समय में ज्यादातर लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें लोगों को कभी सिरदर्द होना, तो कभी धुंधला नज़र आना जैसी समस्या हो सकती है। इस दौरान लोग इसकी वजह से काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। तो इस तरह की स्थिति में अपनी आँखों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए कई लोग चश्मे या फिर दवाइयों का सहारा लेते हैं और इसके अलावा डॉक्टर आयुर्वेदिक उपायों में से एक, अमरूद के पत्तों के उपयोग करने की भी सलाह देते हैं। आंखों की रोशनी के लिए अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल पारंपरिक और आयुर्वेदिक दवाइयों में सहायक उपाय के रूप में किया जाता है। अमरूद के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C जैसे गुण आंखों के स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर इसका सेवन करने से आंखों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने और साथ ही आंखों से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसके सेवन से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी काफी ज्यादा मदद मिलती है, जिससे ब्लड शुगर की वजह से आंखों के कमजोर होने की समस्या से राहत मिलती है। इस दौरान इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में करें और कोई भी एलर्जी या फिर कोई भी अन्य परेशानी होने पर इसके सेवन से अपना बचाव करें। और इसका उपयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसके अलावा किसी भी गंभीर समस्या के दौरान डॉक्टर की सलाह लेना, सबसे ज्यादा सुरक्षित और सही तरीका होता है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और अगर आपको भी आँखों से संबंधित किसी भी तरह की कोई भी समस्या हैं और आप इस समस्या से काफी ज्यादा परेशान हैं और आप इस समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं, तो आप आज ही मित्रा आई अस्पताल एंड लेसिक लेजर सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं


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Understanding Blurred Vision During Pregnancy: Causes and Care

    July 19, 2025 546 Views

Blurred vision during pregnancy is a common symptom that is often experienced by most women, especially in the second and third trimesters. It affects roughly 15% of expectant mothers and is usually linked to hormonal fluctuations. While usually temporary and related to normal pregnancy symptoms, it’s crucial to monitor for any sudden or severe vision changes, as they can sometimes indicate more serious complications like preeclampsia or gestational diabetes. The decrease in vision clarity, which may be temporary but can indicate as an underlying issue. Whereas, eyes will get normal 6 weeks after child birth.

The causes of blurred vision in pregnancy

Common causes which affect vision during pregnancy includes: 

  • Increased hormonal changes that can affect the cornea’s change in thickness. This leads to vision distribution.
  • Pregnancy can often cause the body to retain fluid that increases the pressure in the eyes and changes how light is refracted.
  • High blood pressure can be another cause that affects the blood vessels in the eyes. This can lead to vision issues that may require immediate medical attention.
  • Changes in blood sugar level can affect the lens of the eye temporarily, leading to blurry vision.
  • Pregnancy can induce headache or migraine and can be accompanied by visual disturbance.
  • Dry eyes is another cause which can reduce tear production, irritated eyes that may feel gritty or cause blurred vision.

During pregnancy, blurred vision is often temporary and shows harmless symptoms. It is vital to be aware of the signs and symptoms that could indicate more serious complications like preeclampsia or gestational diabetes. Early treatment is required for the health of both the mother and the baby.

Precautions to take for blurred vision during pregnancy

  • Drinking plenty of water can help to reduce fluid retention and prevent dry eyes, which can worsen blurry vision. And it keeps you hydrated. 
  • Give rest to your eyes by avoiding using mobile or TV screen, reading for long periods. Give your eyes frequent breaks, especially if they feel strained or tired.
  • Sunglasses are helpful in protecting eyes from harmful UV rays. If you experience light sensitivity, then choose sunglasses that block 100% of both UVA and UVB rays.
  • Give a good amount of nutrition to your health. Add foods rich in vitamins A, C, and E like leafy greens, carrots, and nuts to support overall eye health.
  • Seek your doctor for medical attention if your blurred vision is sudden or accompanied by severe headache, swelling on your hand, feet, or face, and dizziness or seeing spots.

Conclusion

Regular checkups are required during pregnancy. Whereas blurred vision during pregnancy is seen as a common and temporary symptom caused by hormonal changes, dry eyes, or changes in blood pressure and blood sugar levels. While it’s harmless, it is important to monitor the symptoms carefully and take simple precautions like staying hydrated, resting your eyes, and attending regular prenatal checkups. Mitra Eye Hospital in Phagwara can give you a better way to manage your changing vision until the problem goes away.


What is the Procedure of LASIK surgery?
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Different factors that cause difficulties in driving at night time.

    February 5, 2024 2132 Views

In this modern era, people are suffering with different issues and eye related issues are also very common. There are other factors that are responsible for eye-related issues, and these issues can cause difficulties during driving at night times. Contact the Best Eye Hospital in Punjab for treatment of eye issues. 

 

What factors can affect your vision at night time? 

There are different factors that are responsible for disturbing your vision at night. 

  • Vision related risks: It is widespread to have trouble seeing at night. It is found that 60% of people are suffering with eye related issues that cause difficulty during the night time. 
  • Gear from headlights: One of the most prominent reasons drivers have trouble seeing at night is light from oncoming traffic. Headlights, high beams and fog lights are designed to help drivers see at night but can also produce adverse effects. Glare can be distracting and irritating and reduces your reaction time.
  • Blurry roads: Myopia is another significant risk for driving at night if left uncorrected. Myopia makes it difficult to see objects that are far away, such as road signs, debris, cyclists and pedestrians. Road hazards are even harder to spot at night when visibility and light are limited.
  • More light and animals on the road: More light reflects off-road signs, making them even more challenging to read; other road users are harder to see, including vehicles, pedestrians and animals who run out into the road when it is dark out. The inability to see such objects is dangerous for you and everyone else on the road.

 

Tips for a safe night’s drive. 

There are different tips for safe driving.

  • Avoid driving when you are tired: The restless you are, the less attentive you will be while going if you feel your eyelids growing heavy and your attention span warning. It is time to take action; caffeine, listening to music and getting some fresh air can be beneficial. If nothing works, be honest with yourself and rest because of fatigue.
  • Try to steer clear of two-lane highways: You are driving down a two-lane road at night, not another car in sight; you go around a turn, and suddenly, you’re blinded by a pair of high beams. If possible, avoid the glare from oncoming headlights by sticking to roads with multiple lanes.
  • Clean your windshield and mirrors: Visibility is a huge part of safety when driving at night. The better you can see, the safer you will be. This means ensuring your windshield and mirrors are all clean and clear. A dirty windshield scatters light and worsens the effects of glare, so do not be afraid to hit the windshield cleaner as often as you need.
  • Modify interior car lights: Light sources inside your car can create a distraction as your eyes move between the road outside and the dashboard. To counteract this, keep unnecessary interior lights off and dim the brightness of your display lights. 

 

Many eye issues are prevalent and treated with Lasik surgery. The best doctor performs the best Lasik Eye Surgery in Jalandhar. Contact Mitra Eye Hospital and LASIK Centre if you suffer from eye-related issues. 


Blade-Free Cataract Surgery Treatment
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आँखों में धुंधलेपन की समस्या के क्या है – कारण और इलाज के तरीके ?

    September 12, 2023 17950 Views

आँखों में धुंधलेपन की समस्या का मतलब आँखों का पूर्ण रूप से ख़राब होना, मतलब हम आँखों से किसी भी चीज को अच्छी तरीके से नहीं देख पा रहें है, तो हमारे लिए काफी परेशानी हो सकती है, क्युकी आंख ही हमारे शरीर में एक मात्र अंग है जिसकी मदद से हम इस सम्पूर्ण सृष्टि की सुंदरता को देखने में सक्षम हो पाते है, लेकिन इन आँखों में किसी भी तरह की समस्या आ जाती है तो व्यक्ति को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, पर घबराए न हम आज के लेख में आँखों के धुंधलेपन के क्या कारण है और इसका इलाज क्या है इसके बारे में चर्चा करेंगे ;   

क्या है आँखों में धुंधलेपन की समस्या ?

  • आँखों से किसी भी चीज को जब हम स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते है तो उस स्थिति को हम आँखों में धुंधलेपन की समस्या के साथ जोड़ते है। 
  • आँखों का धुंधलापन व्यक्ति की दृष्टि पर भी काफी गहरा असर छोड़ता है और ये समस्या आज के समय में क्या हो बजुर्ग और क्या हो जवान सबको अपनी गिरफ्त में लेते जा रहा है। 
  • वहीं आँखों में धुंधलेपन की समस्या के कारण क्या समस्या उत्पन्न होती है, इसके बारे में निम्न में चर्चा करेंगे।

आँखों में धुंधलेपन की समस्या के लिए कौन-से कारण है जिम्मेदार ?

  • “मोतियाबिंद” के कारण आंखों में धुंधलापन आना एक गहरी समस्या है। मोतियाबिंद को कैटरैक्ट भी कहा जाता है और यह पूरी दुनिया में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। 

“मोतियाबिंद” एक गंभीर स्थिति है, जिससे पीड़ित होने पर लेंस में धुंधलापन छा जाता है, जिसके कारण मरीज को वस्तुएं धुंधली दिखाई पड़ती है। 

तो मोतियाबिंद कई कारणों से होता है जिसमें मोटापा, धूम्रपान करना, उच्च मायोपिया, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, शराब का अधिक सेवन, डायबिटीज होना, हाइपरटेंशन की शिकायत, आंखों में चोट का लगना या सूजन होना, आंखों का पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आना और आंखों की पहले कभी सर्जरी कराना एवं आनुवंशिक कारण आदि शामिल है। यदि आप इस समस्या से निजात पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको मोतियाबिंद का इलाज समय पर करवा लेना चाहिए। 

  • “काला मोतियाबिंद” को ग्लूकोमा के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति से पीड़ित होने पर ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण यह खराब हो जाता है। ऑप्टिक नर्व का काम वस्तु के सिग्नल को दिमाग तक भेजना है, जो आगे उन्हें उस इमेज के रूप में पेश करता है जो आप देखते है।   

लेकिन जब ऑप्टिक नर्व खराब हो जाती है तो यह सिग्नल दिमाग तक नहीं भेज पाता है और आपको चीजें धुंधली दिखाई देने लगती है। आपकी दृष्टि साफ होने के लिए लेंस, रेटिना, कॉर्निया और ऑप्टिक नर्व का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। 

  • इसके अलावा “मायोपिया” को निकट दृष्टि दोष या निकटदर्शीता के नाम से भी जाना जाता है। मयोपिया से पीड़ित होने पर नजदीक की वस्तुएं साफ और दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती है। मायोपिया से पीड़ित होने पर आंख की पुतली का आकार सामान्य से अधिक बड़ा हो जाता है। नतीजतन, आंखों में जाने वाली रोशनी रेटिना पर केंद्रित होने के बजाय रेटिना से थोड़ा आगे केंद्रित हो जाती है। जिस कारण हमे दूर की चीजों को देखने में समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • “हाइपरोपिया” जिसको दूर दृष्टि दोष और हाइपरमेट्रोपिया के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज को दूर की वस्तुएं साफ और नजदीक की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती है। हाइपरमेट्रोपिया होने पर आंख में जाने वाली रोशनी रेटिना पर केंद्रित होने के बजाय रेटिना के पीछे केंद्रित होती है, जिसके कारण मरीज को पास की वस्तुएं साफ-साफ दिखाई नहीं देती है।
  • “एस्टिग्मेटिज्म” की समस्या का सामना करना और इस तरह की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को आंखों में मौजूद लेंस और कॉर्निया का आकार गोल दिखाई देता है, लेकिन जब किसी कारण से इनका आकार सामान्य से अधिक या कम गोल हो जाता है तो आंखों में जाने वाली रोशनी पूर्ण रूप से रेटिना पर केंद्रित नहीं होती है और एस्टिग्मेटिज्म की समस्या पैदा होती है। वहीं एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित मरीज को पास और दूर दोनों जगहों की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती है।

आँखों में धुंधलेपन की समस्या का इलाज कैसे किया जाता है ?

  • अगर आपके आंखों में धुंधलापन मोतियाबिंद के कारण है तो डॉक्टर सर्जरी का उपयोग करते है। क्युकी दवाओं या आई ड्रॉप से मोतियाबिंद का इलाज संभव नहीं है। मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ खराब लेंस को बाहर निकालकर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस लगा देते है।
  • अगर काले मोतियाबिंद के कारण आपको चीजें धुंधली दिखाई देती है, तो इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ खास दवाओं और आई ड्रॉप का सुझाव दे सकते है। लेकिन जब इन सबसे कोई फयदा नहीं होता है, तो सर्जरी का उपयोग किया जाता है। पर ध्यान रहें आँखों की सर्जरी के लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 
  • अगर मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म के कारण आंखों में धुंधलापन की समस्या पैदा होती है। तो डॉक्टर शुरूआती इलाज के तौर पर चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने का सुझाव देते है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस की मदद से मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म के लक्षणों को दूर किया जा सकता है।
  • लेकिन जब इन दोनों से कोई फायदा नहीं होता है, तो डॉक्टर लेसिक सर्जरी का सुझाव देते है। वहीं यह सर्जरी आंखों से चश्मा हटाने का बेस्ट उपाय है। लेसिक सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है।

आप चाहें तो अपने आँखों के धुंधलेपन की समस्या का इलाज व उपरोक्त सभी सर्जरी का चयन मित्रा आई हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

अगर आपके आँखों में किसी भी तरह की समस्या का पता आपको शुरुआती दौर में ही लग जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए और खुद की स्थिति को नाजुक देखते हुए किसी भी तरह के उपाय को खुद से न अपनाए।


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जानें आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या को नजरअंदाज करना कैसे पड़ सकता है भारी !

    July 1, 2023 8524 Views

आंखों से कम दिखना या आंखों में धुंधलेपन की समस्या काफी बीमारियों को खड़ी कर सकती है, इसके अलावा इस समस्या को नज़रअंदाज़ करने पर व्यक्ति को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसके बारे में बात करेंगे, इसलिए इसके बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

आंखों में धुंधलेपन व दर्द की समस्या क्या है ?

  • दिनभर काम करने के बाद जिस तरह हमारा शरीर थक जाता है, ठीक इसी तरह हमारी आंखें भी कई बार ज्यादा थकने पर कुछ संकेत देना शुरू कर देती है, जैसे- आंखों में दर्द का होना, धुंधलापन या फिर चक्कर का आना। तो वही अगर आप इस तरह की समस्याओं को लगातार इग्नोर कर रहे हैं तो यह स्थिति खतरनाक है। 
  • हालांकि यह अधिक खतरनाक स्ट्रोक के खतरे को दूर भी कर सकता है, आंखों की रोशनी में बदलाव हो सकता है, यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि आंखों का स्ट्रोक हमेशा सिर्फ एक आंख में ही होता है।

अगर आपको भी आंखों में धुंधलेपन की समस्या है, तो इससे निजात पाने के लिए आपको लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करना चाहिए।

आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या किस तरह की बीमारी को उत्पन करती है ?

  • अधिकतर मामलों में मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म के कारण आंखों में धुंधलापन की समस्या पैदा होती है। अगर आपके आंखों के धुंधलापन का कारण भी इन तीनों में कोई है तो शुरूआती इलाज के तौर पर आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने का सुझाव देते है।
  • अगर आपको सिर में एक तरफ और कभी-कभी एक आंख के पीछे बहुत दर्द होता है तो ये माइग्रेन के लक्षण हो सकते है।

आंखों में धुंधलेपन के संकेत क्या मिलते है ?

  • उम्र बढ़ने, आंखों में चोट लगने, लेंस खराब होने और कॉर्निया या ऑप्टिक नर्व में किसी तरह की समस्या पैदा होने पर आपके देखने की क्षमता काफी प्रभावित होती है। जिसके नतीजतन, आपको वस्तुएं साफ-साफ देखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही इस स्थिति को आम भाषा में दृष्टि का धुंधला होना कहा जाता है।

आंखों के इलाज के लिए बेहतरीन हॉस्पिटल ?

अगर आप चाहते है की आपको आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या से निजात मिल सके तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वही आपको बता दे की इस हॉस्पिटल में तरह की आंखों की बेहतरीन सर्जरी आधुनिक उपकरणों की मदद से की जाती है ताकि व्यक्ति को आँखों से जुडी किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।

आंखों में धुंधलेपन की समस्या किसे सबसे ज्यादा होती है ?

  • जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी होती है और वह दवा भी लेते है, लेकिन फिर भी उनमें बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है। 
  • वही आपकी ऑप्टिक डिस्क का आकार भी आपको इस स्थिति के लिए ज्यादा खतरे में डाल सकता है, इसके अलावा जिन लोगों के सामने अचानक धुंधलापन आ जाता है उन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. साथ ही आंख की मालिश करके थक्के को हटाने के लिए चार घंटे के अंदर आंखों के स्ट्रोक का इलाज आपके द्वारा करवाया जाना चाहिए।

निष्कर्ष :

आंख अमूल्य और कीमती तौफा है व्यक्ति के लिए, तो अगर इसमें किसी भी तरह की परेशानी आ जाए तो इससे निजात पाने के लिए किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन समय पर जरूर से करें। 


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सलाद खाने से कैसे आंखों के धुंधलेपन की समस्या का होगा हल !

    June 7, 2023 2887 Views

आंखों से धुंधला दिखना या दूरतम या नजदीकतम का देखने में समस्या का सामना करना आज के समय में आम बात हो चुकी है। वहीं इस समस्या से पहले बुजुर्ग ही ग्रस्त रहते थे पर अब युवाओं में भी ये समस्या काफी ज्यादा देखने को मिल रही है, वही ये समस्या क्यों उत्पन होती है और इस समस्या से कैसे निजात पा सकते है और वो कौन–सी देसी चीज है जिसका प्रयोग करने से आँखों से जुडी हुई समस्या से हम आसानी से निजात पा सकते है, के बारे में आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे ;

आंखों में धुंधलेपन की समस्या क्यों होती है ?

  • आंखें हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और सम्पूर्ण शरीर के सबसे नाजुक अंगो में भी इनकी गिनती होती है।

  • आंखों की रोशनी अचानक से कम हो जाए तो ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, इस समस्या की वजह कॉर्निया, रेटिना या ऑप्टिक सिस्टम में किसी भी प्रकार की दिक्कत हो सकती है। चश्मे या कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को आंखों से धुंधला दिखने पर चश्मा या लेंस बदलने की जरूरत भी होती है।

  • उम्र बढ़ने, आंखों में चोट लगने, लेंस खराब होने और कॉर्निया या ऑप्टिक नर्व में किसी तरह की समस्या पैदा होने पर आपके देखने की क्षमता प्रभावित होती है। नतीजतन, आपको वस्तुएं साफ–साफ देखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को आम भाषा में दृष्टि का धुंधला होना कहा जाता है।

यदि आप भी आंखों के धुंधलेपन की समस्या का सामना कर रहे है तो इसके लिए आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब का चयन करें।

आंखों की रोशनी को सलादों की मदद से कैसे बढ़ाए ?

  • सलाद हमारी आंखों की बेहतरीन सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। वही सलाद में विभिन्न तरह के एंटीऑक्सिडेंट और जरूरी विटामिन होते हैं। सलाद खाने से न केवल आपकी आंखों को पोषण मिल सकता है बल्कि आपको मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्याओं से बचाने में भी काफी मदद करता है सलाद।

  • सलादों की बात करें तो आइसबर्ग सलाद के पत्ते, गाजर, चुकंदर, लाल–पीली शिमला मिर्च, मूली, हरी शिमला मिर्च आपकी आंखों से जुडी समस्त समस्या का बेहतरीन हल है।

  • यदि आप इन खास सलादों का सेवन करते है तो इसमें वो सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने का काम करते हैं। इसमें आंखों को मजबूत और चमकदार बनाने वाले विटामिन ए, विटामिन ई और राइबोफ्लेविन जैसे तत्व भी मौजूद हैं।

  • वही गाजर, चुकंदर और लाल–पीली शिमला मिर्च जैसी चमकीली सब्जियां फाइटोकेमिकल्स का एक बढ़िया स्रोत हैं, जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स और मोतियाबिंद से हमारी आंखों की रक्षा करती है।

अगर आप नजदीक और दूर का देखने में असमर्थ है तो इसके लिए इन सलादों का सेवन तो करना ही है लेकिन साथ ही डॉक्टर से सलाह ले कि इसके लिए लेसिक सर्जरी पंजाब में करवाए या नहीं।

सुझाव :

यदि आपकी निकटतम या दूरतम की दृष्टि ख़राब है या आप चश्मा या कंटेंट लेंस को नहीं लगाना चाहते तो इसके लिए मित्रा आई हॉस्पिटल से लेसिक सर्जरी का चयन जरूर से करें। और उपरोक्त बातो का भी ध्यान रखें।

निष्कर्ष :

आंखें हमारे शरीर का अमूल्य गहना है, इसलिए इनमे किसी भी तरह के उपायों को अपनाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले। और आंखों से जुडी डाइट को लेने से पहले अपने डॉक्टर को वो डाइट चार्ट जरूर से दिखाए।

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