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ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी आँखों के लिए कितना है फायदेमंद !

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Category: Hindi

In-Depth Information About Lasik Surgery
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Hindi LASIK surgery

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी आँखों के लिए कितना है फायदेमंद !

    August 21, 2023 6044 Views

बिना ब्लेड वाली लेसिक सर्जरी यानी ब्लेडलेस लेसिक एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है, जो कॉर्निया के आकार को बदलकर आपकी दृष्टि में सुधार करती है। यह लेजर पर आधारित सर्जरी मानी जाती है, जो चीरों को बनाने के लिए स्केलपेल के बजाय फेम्टोसेकेंड लेजर का उपयोग करती है। इस सर्जरी की मदद से हम कैसे अपने आँखों से देखने में समर्थ हो पाते है, इसके बारे में चर्चा करेंगे ;

क्या है ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी ?

  • बिना ब्लेड वाली लेसिक सर्जरी आंखों की लेजर सर्जरी का लोकप्रिय और प्रभावी प्रकार है, जिसमें आईड्रॉप या ब्लेड की जरूरत नहीं होती है। इस प्रक्रिया में सर्जन आंख का लेंस हटाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करते है।
  • यह सर्जरी कंप्यूटर कंट्रोल लेजर की मदद से की जाती है। इससे आपके मौजूदा लेंस को तब भी हटाया जा सकता है, जब आप जाग रहे होते है और यह आपको बिना किसी निशान के साफ, बिना निशान वाली दृष्टि देती है।
  • इस लेसिक प्रक्रिया के कई अलग-अलग प्रकार है, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और जोखिम है। ऐसे ही सबसे आम प्रकार को एपिथेलियल लेसिक कहते है। प्रक्रिया में सर्जन लेजर की गर्मी से बचाने के लिए नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते हैं। इसके बाद आपके मौजूदा लेंस को हटाने के लिए खास लेजर का उपयोग किया जाता है।
  • वहीं इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग अक्सर निकटदृष्टि, दूरदृष्टि और दृष्टिवैषम्य के इलाज में किया जाता है।

अगर आप अपने आँखों की दृष्टि से दूर या पास का देखने में असमर्थ है तो इसके लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के कितने प्रकार है ?

  • ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी दो प्रकार की होती है, जिनमे सब-एपिथेलियल और मेटा-लेसिक शामिल हैं। 
  • वहीं सब-एपिथेलियल लेसिक में सर्जन मौजूदा लेंस को हटाए बिना नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते है। फिर वह आपके लेंस की कुछ बाहरी परतों को काटते है, ताकि रोशनी ज्यादा आसानी से जाए और अंदर के ऊतकों को खत्म कर सके।
  • मेटा-लेसिक से आपको अच्छे दृष्टि संबंधी नतीजे नहीं मिलते है। मेटा-लेसिक में मौजूदा लेंस को पूरी तरह हटाना और लेजर से बनाए गए नए लेंस का उपयोग शामिल है। ऐसे में आपको बेहतरीन नतीजे प्राप्त करने के लिए अन्य सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

अगर आप उपरोक्त दोनों में से किसी एक सर्जरी को करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के फायदे क्या है ?

  • इस सर्जरी में जटिलताओं का जोखिम काफी कम होता है। 
  • ब्लेडलेस लेसिक का एक अन्य फायदा यह है कि इसमें मरीज़ जल्दी ठीक हो जाते है। ब्लेडलेस लेसिक के साथ आप आमतौर पर अगले दिन अपनी सामान्य गतिविधियों में वापस आ सकते है। इसके अलावा सर्जरी के तुरंत बाद आपको कुछ असुविधा और धुंधली दृष्टि हो सकती है, लेकिन यह जल्द अपने आप दूर हो जाती है।
  • पारंपरिक लेसिक की तुलना में ब्लेडलेस लेसिक ज्यादा सटीक है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्जरी के दौरान सर्जन की आंख का बेहतर नजरिया होता है। यह कम जटिलताओं और उच्च सफलता दर में मदद करता है।
  • बेहतर दृष्टि भी इस सर्जरी का चयन करने के बाद व्यक्ति को मिलती है। 

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी का चयन किन्हे करना चाहिए !

  • जिनकी कम से कम 18 साल की उम्र हो।
  • कम से कम दो वर्षों के लिए एक दृष्टि का बिना बदलने वाला प्रिस्क्रिप्शन लिया हो।
  • आंखों के स्वास्थ्य से संबंधित कोई अन्य गंभीर समस्या ना हो।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के जोखिम क्या है ?

  • इस सर्जरी की वजह से आपकी आंखें कई बार सूख जाती है। 
  • चकाचौंध दृष्टि का भी कई बार आपको सामना करना पड़ सकता है। 
  • कम दृष्टि की समस्या का भी आपको सामना करना पड़ सकता है। 
  • आंखों का इंफेक्शन भी कई बार आपको हो सकता है। 
  • आँखों में निशान भी पड़ सकते है।  
  • आंख का कैंसर जैसी समस्या का भी कई बार आपको सामना करना पड़ सकता है।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • आप इस सर्जरी को चाहें तो मित्रा आई हॉस्पिटल से भी करवा सकते है, पर इस सर्जरी के लिए अनुभवी सर्जन का ही सहारा लें।  
  • वहीं अगर आप इस सर्जरी को इस हॉस्पिटल से करवाते है तो यहाँ पर इसका इलाज आधुनिक उपकरणों की मदद से किया जाता है। 

Things-You-Should-Consider-Before-Lasik-Eye-Surgery
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आंखों के ऑपरेशन या लेसिक (LASIK) सर्जरी की क्या है पूरी लागत !

    August 5, 2023 10443 Views

लेसिक सर्जरी जोकि हमें दूर या पास का देखने में आ रहीं परेशानी से निजात दिलवाती है। वहीं लेसिक सर्जरी को लेकर अक्सर लोगों के मन में बहुत से सवाल घूमते है, जैसे ये सर्जरी क्या है और इस सर्जरी का फ़ायदा क्या है और खास बात की इस सर्जरी को करवाने में खर्चा कितना आता है। तो जानते है इन सब सवालों के जवाब आज के लेख में ;

क्या है लेसिक सर्जरी ?

  • लेसिक सर्जरी को अंग्रेजी में लेजर इन सीटू किरेटोमिल्युसिस कहा जाता है। यह एक प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसकी मदद से डॉक्टर आपकी आंखों से चश्मा हटाने या आंखों में होने वाली बीमारियां जैसे कि मायोपिया, हाइपरोपिया आदि को ठीक करते है।
  • वहीं आंखों को ठीक करने के लिए जब दवा, आई ड्रॉप्स(Eye Drop) या इलाज के दूसरे तरीके काम नहीं आते तो ऐसी अवस्था में आपके डॉक्टर आपको लेसिक सर्जरी करवाने का सुझाव देते है। इस सर्जरी की मदद से कॉर्निया को सही आकार दिया जाता है, ताकि रेटिना पर रोशनी पड़ने पर वह सही तरीके से काम कर सके। 
  • जो लोग चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा पाना चाहते है, उनके लिए ये सर्जरी रामबाण है।

अगर आप भी चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चुनाव करना चाहिए।

लेसिक सर्जरी में क्या किया जाता है ?

लेसिक सर्जरी से पहले मरीज के द्वारा किया जाने वाला कार्य –

  • लेसिक सर्जरी से पहले आपको किसी भी चल रही दवाओं के बारे में अपने नेत्र चिकित्सक को सूचित करना चाहिए।
  • प्रक्रिया के दौरान किसी भी जटिलता से बचने के लिए संबंधित नेत्र विशेषज्ञ के साथ अपनी वर्तमान चिकित्सा स्थिति पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।
  • सर्जरी से पहले धूम्रपान या तंबाकू का सेवन ना करें।
  • अगर आपको एनेस्थीसिया से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें।
  • सर्जरी से 8 से 9 घंटे पहले कुछ भी ना खाएं-पिएं। 

सर्जरी के दौरान डॉक्टर के द्वारा किया जाने वाला कार्य –

  • इसके बाद डॉक्टर आंखों को सुन्न करने के लिए आई ड्रॉप डालते है।
  • मरीजों को आराम में मदद पहुंचाने के लिए उन्हें सीडेटिव दिया जा सकता है।
  • सर्जन आंख को खुला रखने के लिए एक ढक्कन स्पेकुलम का इस्तेमाल करते है और आंख पर एक सटीक भाग बनाने के लिए आँख पर अंगूठी रखते है।
  • फ्लैप सर्जन द्वारा खोला जाता है और फिर माइक्रोकरेटोम और रिंग को हटा दिया जाता है।
  • सर्जन कंप्यूटर नियंत्रित लेजर से हाई फ्रीक्वेंसी बीम का इस्तेमाल करता है ताकि कॉर्निया के अंदरूनी हिस्सों के छोटे हिस्से को वैपोराइज़ किया जा सके और इसे फिर से आकार दिया जा सके।
  • एक बार फिर से आकार देने के बाद, सर्जन फ्लैप को उसकी मूल स्थिति में वापस रख देते है।

इस सर्जरी को करवाने के लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

लेसिक सर्जरी की लागत क्या है ?

  • इस सर्जरी की लागत निर्भर करती है की मरीज़ के आँखों की समस्या कितनी गहरी है। मतलब अगर आँखों की समस्या सामान्य है या निकटदृष्टिता की समस्या हो तो इसके लिए आपका खर्चा ज्यादा नहीं आएगा इस सर्जरी में।
  • नवीनतम टेक्नोलॉजी पर भी इस सर्जरी की लागत निर्भर करती है। 
  • वहीं अगर आप इस सर्जरी की लागत को ज्यादा नहीं दे सकते तो इसके लिए जरूरी है की आँखों में सामान्य सी भी समस्या आने पर आपको डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए। 
  • इसके अलावा काफी रिसर्च के बाद इसकी कीमत सामने आई है और वो है  15,000 से 90,000 तक लेकिन इसकी कीमत निर्भर करती है की व्यक्ति किस किस्म के सर्जरी का चयन कर रहा है।

अगर आप इस सर्जरी को अनुभवी सर्जन से किफायती दाम में करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

आँखों में किसी भी तरह की समस्या से निजात पाने के लिए जरूरी है की इसकी देखभाल अच्छे से की जाए।


मोतियाबिंद-होने-के-पहले-लक्षण-क्या-हैं
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Cataract Surgery Hindi

मोतियाबिंद के क्या है लक्षण, कारण, प्रकार व इलाज की संपूर्ण प्रक्रिया ?

    August 4, 2023 9447 Views

मोतियाबिंद में अकसर हम दूर या पास का स्पष्ट रूप से देखने में सक्षम नहीं हो पाते जिसकी वजह से हमें कम दिखाई देता है, हमें गाड़ी ड्राइव करने में समस्या आती है, या कई दफा हम दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को नहीं पढ़ पाते है, अगर आपको खुद में ऐसी समस्या नज़र आए तो समझ ले की आपके आंखों में मोतियाबिंद विकसित हो रहा है। 

मोतियाबिंद क्या है ? इसके लक्षण, कारण, प्रकार व इलाज कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में जानना आँखों के लिए बहुत जरूरी है, तो जानते है की आखिर क्या है मोतियाबिंद की समस्या ;

क्या है मोतियाबिंद ?

  • जब आंख का प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाये तो उसे कैटरेक्ट या मोतियाबिंद कहते है। 
  • सामान्यतः आँखों के लेंस के माध्यम से ही प्रकाश रेटिना पर प्रतिबिम्ब बनाता है, यह प्रतिबिम्ब तंत्रिका तंत्र के द्वारा मस्तिष्क पर प्रकाश पुंज के वास्तविक प्रतिबिम्ब का आभास करता है, लेकिन जब प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाता है जिसके कारण प्रकाश रेटिना तक सही ढंग से नहीं पहुँच पाता है, अतः प्रतिबिंब धुंधला दिखाई देने लगता है। 

अगर आपको कोई भी चीज देखने में दुविधा का सामना करना पड़ रहा है, तो इसके लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

मोतियाबिंद के कारण क्या है ?

  • उम्र का बढ़ना। 
  • डायबिटीज की समस्या। 
  • अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना। 
  • सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोजर। 
  • मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास। 
  • उच्च रक्तदाब। 
  • मोटापे की समस्या। 
  • आंखों में चोट का लगना या सूजन की समस्या। 
  • पहले हुई आंखों की सर्जरी। 
  • धुम्रपान का सेवन करना आदि।

मोतियाबिंद के कितने प्रकार है ?

  • मोतियाबिंद को दो भागों में बाटा गया है, जैसे- सफेद मोतिया और काला मोतिया,
  • सफेद मोतिया में उम्र बढ़ने के साथ ही ये आपके आँखों के लेंस को धुंधला कर देते है और आँखों के कुदरती लेंस के ऊपर सफ़ेद झिल्ली आजाती है, जो की आपकी दृष्टि को दिन प्रति दिन प्रभावित करती है।
  • वहीं काला मोतिया की बात करें तो ये एक खतरनाक अवस्था है जिसमे आँखों की दृष्टि समय के साथ सिमटती जाती है, और अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाये तो ये अंधेपन के क़रीब आपको ले जा सकती है।

मोतियाबिंद के लक्षण क्या है ?

  • सूरज या दीपक का प्रकाश बहुत उज्ज्वल या चमकता हुआ प्रतीत होना।
  • रात में गाड़ी चलाते समय सामने से आने वाली हेडलाइट्स पहले की तुलना में अधिक चमकदार लगने लगेगी।
  • दोहरी दृष्टि की समस्या। 
  • रात में या कम रोशनी में देखना ज्यादा मुश्किल होता है।
  • रंग उतने चमकीले नहीं दिखाई पड़ते जितने पहले दिखते थे।

दूर या पास की चीजों को देखने में अगर आप भी असमर्थ है तो इसके लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।

मोतियाबिंद से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • मोतियाबिंद से बचाव के लिए आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान देना चाहिए और हेल्थी चीज़े खाएं ज़्यादा तर विटामिन-सी और विटामिन-आई से भरपूर चीज़े ले जैसे की पालक, गोभी, शलगम, साग, और अन्य पत्तेदार साग। 
  • स्मोकिंग से बचे, स्मोकिंग करने से अन्य बीमारियों के अलावा आँखों में मुक्त कण (फ्री रेडिकल्स) पैदा हो जाते है, जो आँखों को नुकसान पहुँचाने का काम करते है।

मोतियाबिंद का इलाज क्या है ?

  • मोतियाबिंद के इलाज के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प है। 
  • वहीं इस ऑपरेशन में डॉक्टर द्वारा अपारदर्शी लेंस को हटाकर मरीज़ की आँख में प्राकृतिक लेंस के स्थान पर नया कृत्रिम लेंस आरोपित किया जाता है, कृत्रिम लेंसों को इंट्रा ऑक्युलर लेंस कहते है, और इस लेंस को उसी स्थान पर लगा दिया जाता है, जहां आपका प्राकृतिक लेंस लगा होता है।
  • सर्जरी के पश्चात मरीज़ के लिए स्पष्ट देखना संभव होता है। हालांकि पढ़ने या नजर का काम करने के लिए निर्धारित नंबर का चश्मा पहनने की ज़रूरत आपको पड़ सकती है। 

अगर आप भी मोतियाबिंद की समस्या से बचाव करना चाहते है तो इसके लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल से इस सर्जरी का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

आँखों में मोतियाबिंद का होना काफी खतरनाक समस्या है, इसलिए जरूरी है आप इससे बचाव के लिए डॉक्टर का चयन करें, वहीं अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपको आँखों की सर्जरी को करवाने में देर नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आँखों के बचाव के लिए आपको उचित आहार का भी अच्छे से सेवन करना चाहिए।


क्या है मानसून आई फ्लू (Eye Flu) और इसके लक्षणों को जानकर कैसे करें खुद का बचाव !
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Eye Flu Hindi

क्या है मानसून आई फ्लू (Eye Flu) और इसके लक्षणों को जानकर कैसे करें खुद का बचाव !

    July 22, 2023 5492 Views

मानसून का मौसम तो चल ही रहा है, और ये मौसम जितना सुहावना होता है उतना ही अपने साथ कई सारी बीमारियों को भी लेकर आता है। और इन बीमारियों में सबसे पहले आई फ्लू की बीमारी निकल कर सामने आती है। इसके अलावा इस बीमारी से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है और इस बीमारी को जानने में इसके लक्षण कितने मददगार साबित होते है इसके बारे ने आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे ;

क्या है आई फ्लू (Eye Flu) की समस्या ?

  • आई फ्लू व्यक्तियों में देखी जाने वाली आम समस्याओं में से एक है। आई फ्लू को मेडिकल की टर्म में गुलाबी आँख भी कहा जाता है, जिसे नेत्रश्लेष्मलाशोथ के नाम से जाना जाता है। 
  • आई फ्लू बरसात के मौसम में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक मानी जाती है। 
  • आई फ्लू की वजह से आँखों के सफ़ेद हिस्से में संक्रमण हो जाता है, वही आई फ्लू ज्यादातर सर्दी, खांसी वाले संक्रमणों की वजह से बढ़ते है।

आई फ्लू (Eye Flu) के क्या कारण है ?

  • वायरस और ये तब फैलता है जब हमारे द्वारा बारिश के मौसम में नहाया जाता है, या ज्यादा देर तक पसीने में रह कर काम किया जाता है।  
  • परेशान करने वाले पदार्थ जैसे शैम्पू, क्लोरीनयुक्त पानी में तैरना और धुआं। 
  • गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसे बैक्टीरिया। 
  • धूल, कॉन्टैक्ट लेंस और पराग जैसे एलर्जी कारक। 
  • वही आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति के कपडे पहनने से भी आपको इसका खतरा हो सकता है। 

यदि आई फ्लू की वजह से आपको कॉन्टैक्ट लेंस का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।

आई फ्लू (Eye Flu) के लक्षण क्या है ?

  • धुंधली दृष्टि या आँखों में जलन का होना। 
  • आँखों में सफ़ेद रंग के कीचड़ का बनना। 
  • आँखों का लाल होना। 
  • आँखों में सूजन की समस्या। 
  • आँखों से पानी का बहना। 
  • आँखों में दर्द का होना आदि।

यदि आई फ्लू की वजह से आपकी आँखों में इस तरह के ही लक्षण नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

आई फ्लू होने पर क्या करना चाहिए ?

आई फ्लू होने पर निम्न बातों का ध्यान रखें ;

  • आई फ्लू के गंभीर लक्षण दिखने पर जल्द डॉक्टर का चयन करें।  
  • आई फ्लू होने पर आँखों को गुनगुने पानी से धोए। 
  • आँखों को साफ़ करने या पोछने के लिए साफ़ एवं सूती कपडे का इस्तेमाल करें।  

आई फ्लू से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • आँखों को ज्यादा न मले। 
  • आई फ्लू होने पर ज्यादा मोबाइल न चलाए। 
  • आई फ्लू होने पर बारिश में भीगने से बचे। 
  • आँखों को ऐसी अवस्था में बार-बार छूने से बचे। 
  • और अपने आँखों को गंदे हाथों से छूने से बचे।
  • आँखों के बचाव के लिए काले चश्मे को पहने।

आँखों को आई फ्लू से बचाने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर मानसून या बरसात के मौसम में आपके आँखों में भी आई फ्लू की समस्या उत्पन्न हो गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको उपरोक्त बचाव के तरीको को तो ध्यान में रखना ही और साथ में इसके लक्षण गंभीर होने पर आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए। इसके अलावा आँखों के इलाज के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल के अनुभवी डॉक्टरों का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

आंख जिससे हम पूरी दुनिया की सुंदरता को देखते है इसलिए इनमे किसी तरह की समस्या अगर उत्पन्न हो जाए तो कैसे हम इससे खुद का बचाव कर सकते है, इसके बारे में हम आपको उपरोक्त बता ही चुके है। इसलिए आँखों में सामान्य सी भी समस्या दिखने पर डॉक्टर का चयन करें।


स्माइल लेजर सर्जरी आंखों के लिए कौन-सा कार्य करती है ?
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Hindi LASIK surgery

क्या है आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी की सम्पूर्ण प्रक्रिया, फायदे और नुकसान ?

    July 20, 2023 6771 Views

आंखों के लिए लेसिक सर्जरी हो या स्माइल लेजर सर्जरी दोनों का अपनी-अपनी जगह पर खास महत्व होता है। वही स्माइल सर्जरी कैसे और किस समय लोगों के द्वारा करवाई जाती है इसके बारे में आज के आर्टिकल में बात करेंगे, तो अगर आंखों की सर्जरी करवाने के बारे में आप भी सोच रहें है तो स्माइल लेजर सर्जरी का चयन करने से पहले आर्टिकल को जरूर पढ़े ;

क्या है आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी ?

  • स्माइल लेसिक एक अलग प्रकार की लेजर सर्जरी है, जिसमें आंखों की सतह से झुर्रियां और उम्र बढ़ने के लक्षण हटाने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। सर्जन स्माइल लेसिक सर्जरी का इस्तेमाल वयस्कों और बच्चों दोनों पर कर सकते है।
  • इसके अलावा आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लेजर बहुत छोटा होता है, जिसकी वजह से सर्जरी के दौरान या बाद में कोई दर्द नहीं होता है। 

आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी के बारे में और विस्तार से जानने के लिए पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

स्माइल लेजर सर्जरी की प्रक्रिया क्या है ?

  • आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी एक अन्य सर्जिकल प्रक्रिया है। इसमें सर्जन आंखों से झुर्रियों और उम्र के धब्बों को हटाने के लिए लेजर का उपयोग करते है। 
  • यह सर्जरी उन मरीजों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है, जो सर्जरी या लेजर उपचार जैसी आक्रामक प्रक्रियाओं के बिना अपनी उपस्थिति में सुधार लाना चाहते है। 
  • स्माइल सर्जरी की प्रक्रिया आपकी आंखों की तस्वीरों की एक श्रृंखला लेकर शुरू होती है। इन तस्वीरों के उपयोग से सर्जन आपकी आंख का त्रि-आयामी मॉडल बनाते है।
  • आमतौर पर सर्जरी के दौरान सर्जन का मार्गदर्शन करने के लिए इस मॉडल का उपयोग किया जाता है। 
  • वही इस प्रकार की लेजर सर्जरी खास उपकरणों का उपयोग करके निचली पलक और ऊपरी पलक को हटाकर शुरू होती है।

यदि आप दूर या पास की चीजों को देखने में असमर्थ है, तो इसके लिए आप पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करें।

नुकसान क्या है स्माइल लेजर सर्जरी का ?

  • इस सर्जरी से आपको इंफेक्शन, नसों को नुकसान और दृष्टि हानि हो सकती है। 
  • सूखी आंखों के जोखिम का बढ़ना भी इसमें शामिल है। 
  • इस सर्जरी का एक ये भी नुकसान है की एक बार सर्जरी के बाद अगर कोई नुकसान होगा तो दोबारा सर्जरी होने पर आपको फिर से खर्चा करना पड़ सकता है।

स्माइल लेजर सर्जरी का खर्चा कितना आता है ?

  • एक वयस्क व्यक्ति के लिए स्माइल लेसिक प्रक्रिया की औसत कीमत 50,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये के बीच है। 
  • जबकि, बच्चों के लिए स्माइल लेसिक प्रक्रिया की औसत फीस लगभग 1 लाख रुपये है। 
  • यह मूल्य सीमा सर्जरी करने वाले डॉक्टर और इस्तेमाल किए गए लेजर के प्रकार पर भी निर्भर करता है।

स्माइल लेजर सर्जरी के फायदे क्या है ?

  • इस प्रकार की लेजर सर्जरी का एक मुख्य फायदा यह है कि यह बहुत कम दर्दनाक है। इसका मतलब यह है कि सर्जरी के लिए किसी सामान्य एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होगी। 
  • इसके अलावा आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी उपचार के अन्य रूपों की तुलना में कम खर्चीली भी है।

आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • आप भी अगर आंखों की स्माइल लेजर सर्जरी को करवाकर आंखों की सतह के नीचे की झुर्रियां को कम करना चाहते है तो इसके लिए आप मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन जरूर से करें।

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जानें आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या को नजरअंदाज करना कैसे पड़ सकता है भारी !

    July 1, 2023 8795 Views

आंखों से कम दिखना या आंखों में धुंधलेपन की समस्या काफी बीमारियों को खड़ी कर सकती है, इसके अलावा इस समस्या को नज़रअंदाज़ करने पर व्यक्ति को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसके बारे में बात करेंगे, इसलिए इसके बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

आंखों में धुंधलेपन व दर्द की समस्या क्या है ?

  • दिनभर काम करने के बाद जिस तरह हमारा शरीर थक जाता है, ठीक इसी तरह हमारी आंखें भी कई बार ज्यादा थकने पर कुछ संकेत देना शुरू कर देती है, जैसे- आंखों में दर्द का होना, धुंधलापन या फिर चक्कर का आना। तो वही अगर आप इस तरह की समस्याओं को लगातार इग्नोर कर रहे हैं तो यह स्थिति खतरनाक है। 
  • हालांकि यह अधिक खतरनाक स्ट्रोक के खतरे को दूर भी कर सकता है, आंखों की रोशनी में बदलाव हो सकता है, यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि आंखों का स्ट्रोक हमेशा सिर्फ एक आंख में ही होता है।

अगर आपको भी आंखों में धुंधलेपन की समस्या है, तो इससे निजात पाने के लिए आपको लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करना चाहिए।

आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या किस तरह की बीमारी को उत्पन करती है ?

  • अधिकतर मामलों में मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म के कारण आंखों में धुंधलापन की समस्या पैदा होती है। अगर आपके आंखों के धुंधलापन का कारण भी इन तीनों में कोई है तो शुरूआती इलाज के तौर पर आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने का सुझाव देते है।
  • अगर आपको सिर में एक तरफ और कभी-कभी एक आंख के पीछे बहुत दर्द होता है तो ये माइग्रेन के लक्षण हो सकते है।

आंखों में धुंधलेपन के संकेत क्या मिलते है ?

  • उम्र बढ़ने, आंखों में चोट लगने, लेंस खराब होने और कॉर्निया या ऑप्टिक नर्व में किसी तरह की समस्या पैदा होने पर आपके देखने की क्षमता काफी प्रभावित होती है। जिसके नतीजतन, आपको वस्तुएं साफ-साफ देखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही इस स्थिति को आम भाषा में दृष्टि का धुंधला होना कहा जाता है।

आंखों के इलाज के लिए बेहतरीन हॉस्पिटल ?

अगर आप चाहते है की आपको आंखों में दर्द और धुंधलेपन की समस्या से निजात मिल सके तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वही आपको बता दे की इस हॉस्पिटल में तरह की आंखों की बेहतरीन सर्जरी आधुनिक उपकरणों की मदद से की जाती है ताकि व्यक्ति को आँखों से जुडी किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।

आंखों में धुंधलेपन की समस्या किसे सबसे ज्यादा होती है ?

  • जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी होती है और वह दवा भी लेते है, लेकिन फिर भी उनमें बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है। 
  • वही आपकी ऑप्टिक डिस्क का आकार भी आपको इस स्थिति के लिए ज्यादा खतरे में डाल सकता है, इसके अलावा जिन लोगों के सामने अचानक धुंधलापन आ जाता है उन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. साथ ही आंख की मालिश करके थक्के को हटाने के लिए चार घंटे के अंदर आंखों के स्ट्रोक का इलाज आपके द्वारा करवाया जाना चाहिए।

निष्कर्ष :

आंख अमूल्य और कीमती तौफा है व्यक्ति के लिए, तो अगर इसमें किसी भी तरह की परेशानी आ जाए तो इससे निजात पाने के लिए किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन समय पर जरूर से करें। 


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आंखों के नीचे सूजन को कम करने के लिए अपनाएं असरदार घरेलू उपचार !

    June 22, 2023 122678 Views

आंखों में सूजन का आना आज के समय में कोई बड़ी बात नहीं है, क्युकि बढ़ते काम और टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से व्यक्ति को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। पर आपको अपनी सूजी हुई आंखों को लेकर परेशान नहीं होना है, क्युकि आज के लेख में हम आपकी सूजी हुई आंखों के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय लेकर आए है, तो आप अगर चाहते है की आपको अपनी सूजी आंखों से छुटकारा मिल जाए तो इसके लिए आपको आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना है ; 

आंखों में सूजन की समस्या क्यों उत्पन्न होती है ?

  • आंखों के आसपास सूजन किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है, या ये हमारे द्वारा गलत दिनचर्या का हद से ज्यादा प्रयोग करने की वजह से हो सकता है। वही आंखों में सूजन एडेमा की वजह से भी हो सकता है, और ऐसा तब होता है जब हमारे ऊतकों में तरल पदार्थ ज्यादा जमा हो जाते है। 
  • वही आमतौर पर आंखों के आसपास सूजन ज्यादा सोने और रोने की वजह से भी हो सकती है। कई बार यह सूजन अपने आप चली जाती है, लेकिन कभी-कभी इसका इलाज कराना जरुरी हो जाता है। अगर आपमें भी ये समस्या उत्पन है तो इसे ज्यादा गंभीर होने से पहले आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब का चयन करें। 

आंखों में सूजन के कारण क्या है ?

  • आंखों में सूजन कई वजह से हो सकती है जैसे कभी-कभी एलर्जी की वजह से इस समस्या का उत्पन होना। 
  • वही आंखों में सूजन आने के अन्य कारणों की बात करें तो इसमें कंजेक्टिवाइटिस, सिंगल्स, पलकों के नीचे की ऑयल ग्रंथि का बंद हो जाना, इंफेक्शन, थायराइड आदि शामिल हैं।
  • यदि आंखों में सूजन के कारण आपकी आंखें धुंधली हो चुकी है तो इससे बचाव के लिए आपको लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करना चाहिए।

कौन-से घरेलू उपाय आंखों में सूजन की समस्या को कम कर सकते है?

  • आंख की सूजन को कम करने के लिए आप एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त टी-बैग का इस्तेमाल करें, आप टी बैग को भिगोकर आधे घंटे के लिए फ्रिज में रख दें फिर आंख पर 5 से 10 मिनट के लिए रखें. इससे सूजन कम हो सकता है। 
  • बेकिंग सोडा (baking soda) भी सूजन कम करने में काफी सहायक माना जाता है। बस इसके लिए आपको करना ये है की 1 चम्मच सोडे को आधे कप पानी में मिलाकर रूई की मदद से आंखों पर 5 से 10 मिनट के लिए रखना है। 
  • खीरा सबसे असरदार तरीका माना जाता है आंखों की सूजन (स्वैलिंग) को ठीक करने के लिए, बस इसमें आपको दो टुकड़ों को आंखों के उपर रखकर कुछ देर लेटना है। जिससे आपको काफी हद तक राहत महसूस होगा।
  • एलोवेरा भी आपके आंखों की सूजन को कम करने में काफी सहायक माना जाता है। 
  • आलू को भी आप सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल में ला सकते है। बस आपको इसकी स्लाइस को सूती कपड़े में बांधकर आखों पर रखना है। और ऐसा करने से आपको आंखों की सूजन की समस्या से आराम मिलेगा। 
  • यदि घरेलू उपायों का असर आपकी आंखों के नीचे के सूजन को कम करने में असमर्थ है तो आंखों का बचाव करने के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

आंखों में सामान्य समस्या अगर उत्पन्न हो जाए, तो बचाव के लिए आपको समय रहते किसी अच्छे आंखों के डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।


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जानें फैली हुई पुतलियों के क्या हो सकते है, कारण, बचाव और उपचार !

    June 19, 2023 11386 Views

आंख जो हमारे शरीर का कीमती अंग है, जिसकी मदद से हम पूरी दुनिया की खूबसूरती को देखने में सक्षम हो पाते है। तो वही अगर इनमे किसी तरह की समस्या आ जाए या आंखों की पुतली सामान्य से ज्यादा बड़ी हो जाए तो ऐसे में व्यक्ति को क्या करना चाहिए।

इसके अलावा आज के लेख में हम बात करेंगे की किस कारण व्यक्ति की आँखों की पुतलियां फैल जाती है और इनको फैलने से हम कैसे बचा सकते है इसके बारे में बात करेंगे, इस लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ; 

फैली हुई पुतलियों के क्या कारण है ?

  • एक आँख की परीक्षा यानि की (नसों और रेटिना की जांच करने के लिए उपयोग की जाने वाली आंखों की बूंदें)।
  • दवा की प्रतिक्रिया भी आपके पुतली फैलाव का कारण हो सकती है।
  • दिमागी चोट से ग्रस्त होना।
  • दवाओं का उपयोग करना।
  • कामोत्तेजना (ऑक्सीटोसिन हार्मोन का बढ़ा हुआ उत्पादन)।
  • यदि उपरोक्त या किसी अन्य कारण से आपकी आँखों की पुतली भी फैल गई है जिस कारण आपको देखने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है तो इसको ठीक करने के लिए आप लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन कर सकते है।

क्या है फैली हुई पुतलियां ?

  • फैली पुतली वे पुतलियाँ होती हैं जो आकार में सामान्य से काफी बड़ी होती हैं।
  • वहीं आपकी आँखों के रंगीन हिस्से की मांसपेशियों और आपकी आँखों तक पहुंचने वाले प्रकाश की मात्रा से आपकी पुतलियों का आकार नियंत्रित होता है। बता दे कि तेज रोशनी में, आपकी पुतलियां आपकी आँखों में बहुत अधिक प्रकाश के प्रवेश को रोकने के लिए सिकुड़ जाती हैं। 
  • दूसरी तरफ मंद प्रकाश में, आपकी पुतलियां अधिक प्रकाश को प्रवेश करने के लिए फैल या आवश्यकता से ज्यादा बड़ी हो जाती हैं।

यदि अत्यधिक प्रकाश की चपेट में आने की वजह से आपकी पुतलियां ज्यादा ही फैल चुकी है तो इससे बचाव के लिए आपको आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब का चयन करना चाहिए।

फैली हुई पुतलियों से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • यदि आपने या किसी और ने देखा है कि आपकी पुलतियां फैली हैं या आपकी कोई पुतली सिर के चोट के बाद दूसरे की तुलना में बड़ी दिखाई देती है, तो तुरंत डॉक्टरी सहायता लें।
  • तो वही ये बात तब भी लागू होती है, यदि आपको अचानक चक्कर आए, सिरदर्द, भ्रम, संतुलन समस्याओं या संभावित स्ट्रोक के अन्य लक्षणों का अनुभव आप कर रहें हो।
  • यदि आपकी पुतलियां आवश्यकता से ज्यादा फैली हैं या आपकी पुतलियां प्रकाश की बदलती परिस्थितियों की तुलना में धीमी गति से प्रतिक्रिया करती हैं, तो आप धूप के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे। तो ऐसे में आप फ़ोटोक्रोमिक लेंस वाला चश्मा खरीदने पर विचार करें जो अधिक आराम के लिए दिन के उजाले में स्वचालित रूप से गहरे रंग का हो जाता है। 
  • फैली हुई पुतलियों के फोटोफोबिया को कम करने और आँखों की कॉस्मेटिक दिखावट में सुधार करने के लिए एक अन्य विकल्प कस्टम प्रोस्थेटिक कॉन्टैक्ट लेंस जरूर से लगवाए। क्युकि ये लेंस सामान्य आकार की बराबर पुतलियों के होने का आभास देते हैं। 

यदि फैली हुई पुतलियां आपके लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है तो इससे बचाव के लिए आप मित्रा आई हॉस्पिटल से लेसिक सर्जरी का चुनाव करें या अपनी फैली हुई पुतलियों के बारे में यहाँ के डॉक्टर से जरूर सलाह ले। 

निष्कर्ष :

आंखों में किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर का चयन जरूर से करें।


आंखों के पर्दा फटने से कैसे करें खुद का बचाव !
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आंखों के पर्दा फटने का क्या है उपचार और देखभाल के तरीके ?

    June 14, 2023 50306 Views

आंखों के पर्दा फटने की समस्या काफी गंभीर समस्या है, क्युकि आंख एक ऐसा शारीरिक अंग है जिसकी मदद से हम पूरी दुनिया को देखने में सक्षम हो पाते है। पर जरा सोचे किसी कारणवश अगर इनमे किसी भी तरह की समस्या उत्पन हो जाए या आंखों का पर्दा फट जाए तो ऐसे में कैसे करें खुद की आंखों का बचाव और उनकी देखभाल, साथ ही आंखों के पर्दा फटने की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में भी बात करेंगे इसलिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर से बने रहे ;

आंखों के पर्दा फटने की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • रेटिनल डिटैचमेंट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रेटिना आंख की पिछली पर्त से अलग हो जाती है। इस कारण रेटिना तक खून का संचार कम होने लगता है। रेटिना अगर ज्यादा समय तक अलग रहे, तो व्यक्ति अपनी दृष्टि हमेशा के लिए खो भी सकता है।

आंखों के पर्दा फटने की समस्या क्यों उत्पन होती है के बारे में विस्तार से जानने के लिए आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब का चयन करें।

रेटिनल डिटैचमेंट के लक्षण क्या है ?

  • अगर किसी व्यक्ति को नजर के सामने अलग सी रोशनी की किरणें या धागे जैसी हिलने वाली वस्तुएं दिखाई देने लगें।
  • अगर किसी को आंख के किनारों से वस्तुएं अंधेरी दिखाई दें।
  • उपर्युक्त लक्षणों के प्रकट होने पर देरी किए बगैर अनुभवी रेटिना विशेषज्ञ से परामर्श लें।

आंखों से स्पष्ट न दिखने की वजह से या दूर या नजदीक की चीजों को देखने में समस्या का सामना अगर आप कर रहे है तो इस समस्या से निजात पाने के लिए लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करें।

आंखों के पर्दा फटने से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • क्रायोथेरेपी एक लेजर ट्रीटमेंट है, जिसका इस्तेमाल रेटिना के छेद या आंसुओं का उपचार करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह उपचार फ्रीजिंग के ज़रिए किया जाता है, जो आंख के पर्दे (रेटिना) को सील कर देता है।
  • हालांकि, कभी-कभी आंख का पर्दा फटने का उपचार लोगों के लिए असुविधा का कारण भी बन सकता है। तो वही यह उपचार नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है, जो आंख का पर्दा फटने की प्रग्रति को रोकने में मदद करता है।

आंखों के पर्दा फटने का इलाज क्या है ?

  • “रेटिना में चोट/खरोंच” की सर्जरी में “न्यूमेटिक रेटिनोपैथी” आंख के अंदर विट्रियस की जगह में गैस के बुलबुले का इंजेक्शन बनाता है।
  • आंख के बीच में एक “स्क्लेरल बकल” या लचीला बैंड रखा जाता है, जो रेटिना को बाहर खींचने वाले किसी भी दबाव को संतुलन में रखता है।
  • रेटिना पर खिंचने वाले विट्रियस जेल से छुटकारा पाने के लिए “विट्रेक्टॉमी सर्जरी” की जाती है। इसके अलावा यह सर्जरी तब की जाती है, जब विट्रियस के बुलबुले को गैस के बुलबुले से बदलने की जरूरत होती है।

अगर आप भी आंखों के पर्दे को फटने से बचाना चाहते है तो इसके लिए मित्रा आई हॉस्पिटल से संपर्क करें, क्युकि आपके आंखों में क्या परेशानियां इसके बारे में तो डॉक्टर ही बता सकते है और उसके बाद ही वो आपकी आंखों का इलाज अच्छे से करने में सक्षम हो पाएंगे।

निष्कर्ष :

आंखो में किसी भी तरह की समस्या आने पर जल्द ही आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन आपको कर लेना चाहिए। क्युकि आंखों के पर्दा फटने का बचाव हम तभी कर सकते है, जब सही समय पर हम इसका उपचार करवा ले।


कौन-सी चीजे खिलाने से बच्चों की आंखे होगी मजबूत ?
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लक्षण जानकर, बच्चों की कमजोर आंखों को बेहतरीन बनाने के लिए खिलाएं ये चीजें

    May 24, 2023 18317 Views

बच्चो में अक्सर चश्मा छोटी उम्र से ही लग जाता है जिसका कही न कही कारण उन्हें स्वास्थ्य खाने की चीजे न देने की वजह से भी हो सकता है। आंखों में लगे चश्मे को हम कैसे ठीक कर सकते है। खास कर माता-पिता को इस बात की काफी चिंता होती है की वो अपने बच्चो के आँखों की कमजोरी को कैसे दूर करे।

पर आपको बता दे की अब आपकी चिंता ख़त्म होगी क्युकि हम इस आर्टिकल में उस खाने की चीजों के बारे में बताएंगे, जिसका सेवन करने से आप अपने आंखों के सेहत का अच्छे से ध्यान रख सकेंगे ;

क्या है कम उम्र में आंखों के धुंधलेपन के लक्षण ?

आंखों में धुंधलेपन के लक्षण निम्न प्रस्तुत है ;

  • किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित ना कर पाना। 
  • पढ़ने में दिक्कत का सामना करना। 
  • सिर दर्द की समस्या का महसूस करना। 
  • दूर या पास की चीजों को पढ़ने में दिक्कत का सामना करना। 
  • आंखों में खुजली व आंखों का लाल होना।

यदि आंखों में धुंधलेपन के लक्षण ज्यादा गंभीर होते जा रहे है तो आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब से सम्पर्क करे।

बच्चो में आंखों के धुंधलेपन की समस्या क्यों होती है ?

ये समस्या खान-पान पर खास ध्यान न रखने की वजह से उत्पन होती है। जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • निकट दृष्टि दोष में कार्निया और लेंस, रेटिना पर ठीक तरह से फोकस नहीं बना पाती जिसकी वजह से ये समस्या उत्पन होती है। यह समस्या तब होती है जब आपके बच्चे के आंखों की पुतली थोड़ी लंबी हो जाती है या लेंस बहुत मोटा हो जाता है, जिससे इमेज रेटिना पर बनने के बजाय उसके सामने बनने लगती है।

लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करके आप अपने बच्चे की निकटतम और दूरतम की दृष्टि को ठीक करवा सकते है।

कम उम्र में धुंधलेपन से कैसे करे खुद का बचाव ?

निम्न बातो को ध्यान में रख के आप अपने आप को इस समस्या से निजात दिलवा सकते है ;  

  • विटामिन ए की प्रचूर मात्रा वाली चीजें खाने से आपकी आंखें स्वास्थ्य एव ठीक रहती है। इसके साथ ही आपको विटामिन सी, ई, कॉपर और जिंक आदि खाने को भी अपनी आदत में शामिल करना चाहिए। 
  • आप गाजर, अंडे, कद्दू, पत्ते वाली सब्जियां और शकरकंद आदि खा सकते हैं. तो वही अगर आप नॉन वेज खाते हैं तो मछली आपकी आंख के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।
  • रंग बिरंगी सब्जियों का सेवन करने से भी आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है. इन सब्जियों में गाजर, शकरकंद आदि शामिल हैं। 
  • कुछ नट्स जैसे काजू, बादाम, अखरोट, मूंगफली आदि भी आंखों के लिए बेहद उपयोगी हैं। इनके अंदर विटामिन ई मौजूद होता है जो न केवल मायोपिया की संभावना कम करता है बल्कि सूखी आंखों की समस्या से भी बचाव कर सकता है।

सुझाव :

यदि आप दूर और नजदीक की आंखों की समस्या से परेशान है तो मित्रा आई हॉस्पिटल से लेसिक सर्जरी का चयन करे। क्युकि इस हॉस्पिटल में नवीनतम उपकरणों के इस्तेमाल से रोगी के आंखों को ठीक किया जाता है। इसके अलावा डॉक्टर उपरोक्त खाने की चीजों को भी इस्तेमाल करने की सलाह देंगे। 

निष्कर्ष :

आंखों में आई किसी भी तरह की समस्या को कृपया नज़रअंदाज़ न करे बल्कि समय रहते इसका खास ध्यान रखे। और किसी भी तरह के उपाय को प्रयोग में लाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।


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