सफ़ेद मोतिये के ऑपरेशन के बाद कौन-सी सावधानियां होती है बेहद महतवपूर्ण
मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अक्षय मित्रा ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स में यह बताया की सफ़ेद मोतिये के लिए इलाज के लिए कई लोगों को ऑपरेशन करवाना पड़ जाता है , जिसके बाद मरीज़ को बहुत साफ़-साफ नज़र आने लगता है यानी धुँधलेपन दृष्टि से छुटकारा मिल जाता है | लेकिन ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही उनकी नज़रें फिर से कमज़ोर होने लग जाती है | आइये जानते है ऐसा क्यों होता है और इसके होने की मुख्य वजह कौन सी है :-
ऑपरेशन के कुछ समय बाद मरीज़ के आंखों के लेंस के पीछे और परदे के आगे एक झिल्ली उत्पन्न हो जाती है, जिसकी सफाई करना बेहद आवशयक होता है | मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर में इस झिल्ली को बड़े ही आसानी और सरल तरीके से साफ़ किया जाता है | इसमें उपयोग होने वाले सभी आधुनिक उपकरण मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर में मौजूद है | इसमें में कोई घबराने वाली कोई बात नहीं होती इस संस्था में मौजूद डॉक्टरों की बेहतरीन टीम द्वारा इस प्रक्रिया को बड़ी सावधानी से किया जाता है |
लेकिन झिल्ली के बाद जो घबराने वाली बात होती है वो है डायबिटिक रेटिनोपैथी | डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह से जुड़ी एक ऐसी गंभीर जटिलता होती है, जिससे पीड़ित मरीज़ की आंखें काफी प्रभावित हो सकती है | यह ऐसी समस्या होती है जो आंखों की प्रकाश संवेदनशील की ऊतक के रक्त वाहिकाओं को काफी नुक्सान पंहुचा सकती है | इसलिए कोशिश करें के ऑपेरशन के बाद खुद को डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या से बचाएं रखें |
इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | यहाँ आपको इस विषय से जुडी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी |
यदि आपको भी सफ़ेद मोतिये के ऑपरेशन के बाद कई दिक्कतों से गुजर रहे है और इलाज करवाना चाहते है, तो इसके लिए मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर के वेबसाइट पर जाएं और आज ही अपनी अप्पोइन्मेंट बुक करें, ताकि आप जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा पास सके |