
हमारी आँखों में एक पतली सी फिल्म होती है जिसे टियर फिल्म कहा जाता है | यह फिल्म हमारी आँखों को नम रखने में काफी मदद करती है और उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है | जब टियर फिल्म में किसी कारणवश गड़बड़ी होने लग जाती है तो इससे आँखों में ड्राई आइस यानि सूखापन होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसे आसान भाषा में आँखों में सूखापन की समस्या भी कहा जाता है | आज के समय में डिजिटल गैजेट्स का उपयोग इतना बढ़ गया है कि बहुत से लोग अपना अधिकतर इन उपकरणों में काम करने में ही बिता देते है, जो उनमें ड्राई आई सिंड्रोम होने की संभावना को बढ़ा देता है | इसके अलावा दो पहिया वाहन चलाते या फिर विमान में यात्रा करते समय भी ड्राई आईएस की समस्या हो जाती है |
वैसे तो थोड़ी देर आँखों को आराम देने से आँखों में से सूखापन चला जाता है, लेकिन अगर आपकी आँखों में सूखापन लंबे समय तक बना रहता है यह आपके लिए एक चिंताजनक विषय बन सख्त है | यदि आप भी ऐसी ही किसी परिस्थिति से गुजर रहे है तो बेहतर यही है की इलाज के लिए आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें | इस विषय में मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | आइये जानते है इस विषय के बारें में विस्तारपूर्वक से :-
ड्राई आई सिंड्रोम क्या होता है ?
ड्राई आई सिंड्रोम, आँखों के स्वास्थ्य से एक ऐसी समस्या है, जिसमें आँखों में नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त आंसू का उत्पादन नहीं होता है या फिर आंसू सही तरीके से काम करना बंद कर देती है | यहाँ ऐसे कुछ मुख्य कारण है जो आपकी आँखों के सतह को नुकसान पहुंचाने का काम करती है, जैसे की आपकी आंसुओं की परत में गड़बड़ी आना, जिससे आपकी आँखों में सूजन आ सकती है | आंसुओं को टियर फिलम भी कहा जाता है, जिसकी बनावट तरल पदार्थ की तरह होती है और आँखों की सबसे ऊपर वाली परत से ढकी हुई होती है |
हमारे आँखों में तीन तरह के परत मौजूद होते है :- फैटी आइल्स यानी चिकनाई, एक्वस फ्लूड यानी तरल और म्यूकस | इन तीनों परत के संयोजन से आँखों की सतह को चिकनी, मुलायम और स्पष्ट बनाये रखने में मदद करते है | जब इन परतों में किसी कारणवश समस्या होने लग जाती है तो इससे आपको ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है | आइये जानते है ड्राई आई सिंड्रोम के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-
ड्राई आई सिंड्रोम होने के मुख्य लक्षण क्या है ?
ड्राई आई सिंड्रोम होने के मुख्य लक्षणों में शामिल है :-
- आँखों में सूखापन और किरकिरापन होने का अनुभव होना
- आँखों का लाल होना
- आँखों से लगातार पानी का आना
- आँखों में अधिक तनाव होने का महसूस होना
- लगातार आँखों में खुजली होना
- प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना आदि |
ड्राई आई सिंड्रोम होने के मुख्य कारण क्या है ?
ड्राई आई सिंड्रोम होने के मुख्य कारण कुछ इस प्रकार है :-
- पानी की कमी होने के कारण
- टीवी या फिर मोबाइल जैसे डिजिटल स्क्रीन के आगे अपना अधिकतर समय बिताना
- अनुचित दिनचर्या और ख़राब खानपान
- अधिक समय तक AC में बैठना
- बार-बार हवाई यात्रा करने से
- धूम्रपान
- शुष्क जलवायु या फिर हवादार परिस्थितियों में रहने से आदि |
ड्राई आई सिंड्रोम से जुड़े कुछ जोखिम कारक
- बढ़ती उम्र भी ड्राई आई सिंड्रोम होने के जोखिम कारक को बढ़ाते है |
- विटामिन ए की कमी होने के कारण
- नियमित से अधिक कांटेक्ट लेंस का उपयोग ड्राई आई सिंड्रोम होने का कारण बनती है |
- ऑटोइम्म्युन डिजीज
- पूर्व रिफ्रैक्टिव सर्जरी का इतिहास होना आदि |
ड्राई आई सिंड्रोम का मूल्यांकन कैसे किया जाता है ?
ड्राई आई सिंड्रोम के कारणों को पहचाने के लिए कई तरह के टेस्ट और परीक्षण किये जाते है, जिनमें शामिल है :-
- आई टेस्ट के माध्यम से आँखों के स्थिति की अच्छे से जांच की जाती है, ताकि ड्राई आई सिंड्रोम होने के प्रमुख कारणों को पहचाना जा सके |
- शिमर टेस्ट में आँखों में मौजूद आंसुओं की मात्रा को मापा जाता है |
- टियर ऑस्मोलेरिटी टेस्ट में आँखों के आंसुओं की संरचना की जांच की जाती है, क्योंकि ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों में आंसुओं के पानी की मात्रा काफी कम होती है |
- आंसुओं की गुणवत्ता की जांच के लिए इसके गुणवत्ता की भी जांच की जाती है |
ड्राई आई सिंड्रोम का उपचार कैसे करें ?
ड्राई आई सिंड्रोम का सटीक इलाज आमतौर पर उसके प्रकार और कारणों पर निर्भर करता है | ड्राई आई सिंड्रोम का कई तरीकों से इलाज किया जा सकता है | जिनमें शामिल है दवाएं, लैक्रिमल प्लगस, विशेष तरह के कांटेक्ट लेन्सेस का इस्तेमाल, लाइट थेरेपी और आई लिड मसाज | यदि आप भी ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर हरिंदर मित्रा पंजाब के बेहतरीन ऑप्थलमोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 26 वर्षो से अपने मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर मौजूद नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से चयन कर सकते है |